चतरा में धूमधाम से मनाया गया अक्षय नवमी की पूजा

चतरा जिले में सुहागिन महिलाओं ने की अक्षय नवमी की पूजा धूमधाम से किया गया। महिलाओं ने आँवले के पेड़ के नीचे बैठ कर सभी महिलाओं ने भोजन भी की।इस दिन आँवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करना शुभ माना गया है। कार्तिक मास की नवमी तिथि को अक्षय नवमी, कूष्मांडा नवमी और धात्री नवमी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक दृष्टि से कार्तिक मास की इस नवमी तिथि का महत्व अक्षय तृतीय से कम नही है। कहते हैं जो लोग दिवाली पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने से वंचित रह गए उनके लिए अक्षय नवमी एक बड़ा मौका होता है। जब आसानी से लक्ष्मी नारायण की कृपा पा सकते हैं। अक्षय तृतीया के समान ही अक्षय नवमी के दिन किए गए पुण्य का प्रभाव क्षय नहीं होता है, यानी नष्ट नहीं होता है।